OBC Creamy Layer Limit in Rajasthan 2019 - 8 Lakh per year

OBC Creamy Layer Limit in Rajasthan 2019, Updated Current: Rajasthan Cabinet on 13th February 2019 passed Rajasthan Backward Classes (Reservation of Seats in Educational Institutions in the State and of Appointments and Posts in Services under the State) (Amendment) Bill, 2019
This bill provides 5% reservation to Gurjar and other communities along with raising the OBC Creamy layer limit from current Rs 2.5 lakh to Rs 8 lakh per annum. OBC Creamy Layer Limit in Rajasthan from February 2019 is 8 Lakh per year. Now anyone with Annual income above 8 Lakh will be considered as OBC-Creamy Layer or General candidate and will not be eligible for OBC reservation in Rajasthan. 
So to Get OBC Reservation your family income should be below 8 Lakh so that candidate will fall under OBC-Non Creamy Layer or OBC.

राजस्थान पिछड़ा वर्ग आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2019

जयपुर, 13 फरवरी। राज्य विधानसभा ने बुधवार को राजस्थान पिछड़ा वर्ग (राज्य की शैक्षिक संस्थाओं में सीटों और राज्य के अधीन सेवाओं में नियुक्तियों और पदों का आरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2019 ध्वनिमत से पारित कर दिया।  इससे पहले ऊर्जा मंत्री श्री बुलाकी दास कल्ला ने विधेयक को सदन मेें प्रस्तुत किया।  विधेयक पर हुई बहस के दौरान उप मुख्यमंत्री श्री सचिन पायलट ने कहा कि राज्य सरकार ने बहुत जिम्मेदारी और गंभीरता से प्रत्येक पहलू पर चर्चा कर कानूनी सलाह लेकर और समाज कल्याण विभाग, विधि विभाग से चर्चा कर इस विधेयक को लाने का निर्णय किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने जो वादे किए हैं, वह उन्हें पूरा कर रही है। उन्होंने कहा कि आज भी इंदिरा साहनी केस के बाद 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण पर रोक लगी हुई है, लेकिन तमिलनाडु व महाराष्ट्र जैसे राज्यों ने 50 फीसदी की सीमा को पार किया है और हाल ही केन्द्र सरकार ने आर्थिक आधार पर 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की है। यह व्यवस्था संविधान में संशोधन करके दी गई है। 
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने निर्णय किया है कि हम अति पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को 1 प्रतिशत के स्थान पर 5 प्रतिशत करेंगे। 9वीं अनुसूची में डालने का संकल्प राज्य विधानसभा में पारित करने के साथ ही हम केंद्र सरकार से भी आग्रह करेंगे कि जैसे उन्होंने 10 प्रतिशत आरक्षण को संविधान संशोधन करने के बाद लागू किया है, उसी तर्ज पर इस विधेयक को भी लागू करने में मदद करेंगे।  श्री पायलट ने सभी विधायकों से अपील की कि पूरा सदन, सभी दल और 200 विधायक सर्व सम्मति से इस बात को कहें कि वे इसके पक्ष में कानून में परिवर्तन चाहते हैं।  सरकार संदेश देना चाहती है कि यह जन प्रतिनिधियों का फैसला है।  उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने दिन-रात मेहनत करके विधेयक तैयार किया है। यह राजनीतिक मुद्दा नहीं, मानवीय मुद्दा है। उन्होंने कहा कि इस बार विशेष परिस्थितियां हैं। न्यायाधिपति (से.नि.) सुनील कुमार गर्ग और न्यायाधिपति (से.नि.) श्री इन्द्रसेन इसरानी की कमेटी की फाइंडिग्स हैं और केन्द्र सरकार के नए घटनाक्रम के कारण इस आरक्षण के लिए रास्ता खुला है।  श्री पायलट ने प्रदेश की जनता से आग्रह किया कि प्रदेश की चुनी हुई सरकार जो कर सकती है, उसने किया है। उन्होंने आंदोलन करने वाले लोगों से, गुर्जर समाज के बंधुओं से और प्रदेश के लोगों से आग्रह किया कि जो मांगें थीं, आज उन्हें सरकार ने पूर्ण किया है। उन्होंने आंदोलन को समाप्त करने की अपील की।
विधेयक पर हुई बहस पर जवाब देते हुए ऊर्जा मंत्री श्री बुलाकीदास कल्ला ने कहा कि तमिलनाडु में 69 फीसदी आरक्षण हो गया है। यह आरक्षण विधानसभा के प्रस्ताव पारित होने के बाद ही संवैधानिक संशोधन से हुआ है। इसी तरह महाराष्ट्र में और अन्य दक्षिण के राज्यों में 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण मिला हुआ है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमने संशोधन के प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही केंद्र सरकार ने लोकसभा में संवैधानिक संशोधन पारित कर आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण वर्ग के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण दिया है। इसी तर्ज पर अति पिछड़ा वर्ग को भी आरक्षण दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान के अनुच्छेद 38 में राज्यों को कहा गया है कि वे ऎसी सामाजिक व्यवस्था करें कि जिसमें सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय राष्ट्रीय जीवन की सभी संस्थाओं को अनुप्राणित करे। इसी प्रकार अनुच्छेद 46 में भी दुर्बल वर्गों को शिक्षा एवं अर्थ संबंधित विषमताओं को दूर करने के लिए कानून बनाए जाएं ताकि उन्हें सामाजिक व आर्थिक न्याय मिले। उन्होंने कहा कि जब राजस्थान विधानसभा में अति पिछड़ा वर्ग को 5 फीसदी आरक्षण देने का प्रस्ताव पारित करके भेजेंगे तो केंद्र सरकार को भी इसके संबंध में कानून बनाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि संविधान में कुछ इस प्रकार के उपबंध किए गए हैं कि अल्प कालीन सत्र बुलाया जा सकता है, अध्यादेश जारी किया जा सकता है। 
श्री कल्ला ने कहा कि राज्य सरकार पूरी तैयारी के साथ विधेयक लेकर आई है। सरकार इस मामले में पूरी तरह से गंभीर है। सरकार चाहती है कि आर्थिक रूप से, सामाजिक रूप से और शैक्षिक रूप से अति पिछड़े वर्ग जिनमें मुख्य रूप से बंजारा, बालदिया, लबाना, गाड़िया लोहार, गाडोलिया, गूजर, गुर्जर, राईका, रैबारी, देबासी, गडरिया, गाडरी, गायरी जातियां आती हैं, का त्वरित सामाजिक और शैक्षिक उत्थान हो, इसके लिए हम ये विधेयक लाए हैं।

RAS Main 2018 on 25, 26 June 2019

RPSC, Ajmer on 12th February 2019 issued press note for RAS & RTS Comb. comp. Main exam 2018 date which is 25th June and 26th June 2019.  
RPSC Ajmer also issued exam date for Sr. Teacher, Lecturer School exam 2018, state engineering exam and other exam as shown in below press note.