वर्ष 2023 में अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष (International Year of Millets- IYM) मनाने के भारत के प्रस्ताव को वर्ष 2018 में खाद्य और कृषि संगठन (FAO) द्वारा अनुमोदित किया गया था तथा संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में घोषित किया है।
राजस्थान सरकार 5 करोड़ रूपये की लागत से मिलेटस उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना जोधपुर में करने जा रही है, इसके साथ ही 100 प्राथमिक प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए 40 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
राजस्थान में मिलेट्स के तहत बाजरा और ज्वार प्रमुख फसलें हैं। बाजरा उत्पादन में राजस्थान का देश भर में प्रथम और ज्वार उत्पादन में तीसरा स्थान है। राज्य के दक्षिणी जिलों के जनजातीय क्षेत्रों में सावां,कांगनी, कोदों, कुटकी इत्यादि मिलेट्स की भी खेती होती है।
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